Friday, April 15, 2016

माँ (कविता)



जग में सबसे प्यारी माँ,
सब दुनिया से न्यारी माँ |
हर सुख हमको देती माँ,
दुःख सारे हर लेती माँ ||

नैतिकता सिखलाती  माँ,
राह  सरल  बनाती  माँ |
पथ में शूल यदि आ जाये,
पुष्प  उसे  बना  दे   माँ ||

कर्मठता की आधार शिला,
रैन दिवस का  सार छिपा |
अमावस में है ज्योत सामान,
कड़ी धूप में शीतल   छाहँ ||

माँ  ये   तेरी  ही   महिमा  है,
आज मुझे जो आधार मिला |
यह जीवन अब तुम्हें समर्पित,
देव तुल्य तुम हुईं अवतरित ||


-यशिका पाठक 

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