Literary Work


माँ (कविता)
जग में सबसे प्यारी माँ,
सब दुनिया से न्यारी माँ |
हर सुख हमको देती माँ,
दुःख सारे हर लेती माँ ||

नैतिकता सिखलाती  माँ,
राह  सरल  बनाती  माँ |
पथ में शूल यदि आ जाये,
पुष्प  उसे  बना  दे   माँ ||

कर्मठता की आधार शिला,
रैन दिवस का  सार छिपा |
अमावस में है ज्योत सामान,
कड़ी धूप में शीतल   छाहँ ||

माँ  ये   तेरी  ही   महिमा  है,
आज मुझे जो आधार मिला |
यह जीवन अब तुम्हें समर्पित,
देव तुल्य तुम हुईं अवतरित ||


-यशिका पाठक
15.04.2016 


भूल   जायेंगे सब को,
और     सबका    नाम |
लेकिन शिक्षा के मामले में,
याद रहेंगे अब्दुल कलाम ||


पशुओं की माँगें
                                                                                                                                               
हाथी- फ़ैशन डिजायनर  हमारे बारे में भी सोचें |
चूहा- हमें भी कार्टून शो में जगह मिले |
बारहसिंगा- बाटा के जूते हमारे पैरों के नाप में भी मिलें |
मकड़ी- हमारे रेशों को भी रेशम जैसी पहचान मिले |
गाय- हर जगह से डंडे खाती पर भूख से मैं न हारी,
                   आज भी हूँ शाकाहारी,
                      हमारे लिये नए रेस्टोरेंट बनबाए जाएँ |
- यशिका पाठक 

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